Thursday, May 14, 2020

Government, fraud in public in the name of development

सरकार, विकास के नाम पर जनता के साथ धोखाधडी कर सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा का नाम लेकर 3000 करोड़ रुपए खर्च कर दिए । लेकिन उसकी भरपाई इस देश की गरीब जनता से ही करेंगे जिसकी कई सौ सालों तक भी भरपाई नहीं हो सकती ।
 सरकार कहती कि गरीबों के लिए बहुत कुछ किया है । लेकिन भारत देश में अनाथ , गरीब बच्चे भूखे रोड़ पर सोते हैं । लेकिन अब इतना ही नहीं हजारों मजदूर बेघर हो गए हैं दिन रात रोड पर सोते हुए चल रहे हैं भूखे और प्यासे सरकार को उनकी सुध लेने को फुर्सत ही नहीं लेकिन सरकार तो देश में सबसे पहले नशे के व्यापार को बढ़ावा दे रही है
सरकार से अच्छी तो अन्य समाज सेवी संस्थाएं हैं वह गरीब बेसहारा लोगों की सेवा तो कर रही है चाहे 
खाना और पानी मुहैया करवा रही है समाज के इस दुखद घड़ी में उनका सहयोग कर रही है लेकिन सरकार उनके साथ खड़ी होने को तैयार नहीं
आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव से हम सत्ता और पैसे को ज्यादा महत्व देते हैं जिस कारण अमीर और गरीब की खाई खोद रखी है आध्यात्मिक ज्ञान से परिचित होंगे तब हम सत्ता और पैसे को महत्व नहीं देंगे हमें और इंसान और इंसानियत दिखाई देती किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करेंगे सभी को समान दृष्टि से देखेंगे वर्तमान समय में एक संत चीन के आध्यात्मिक ज्ञान के आधार से एक सभ्य समाज समाज की नींव रखी गई है जिन्होंने बतलाया है किलोस्कर शार्ट रिश्वत भ्रष्टाचार सत्ता सभी बुराइयों से दूर रहना है विश्व में एकमात्र संत संत रामपाल जी महाराज भारत को पुणे विश्वगुरु बनाएंगे

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